Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

View full book text
Previous | Next

Page 120
________________ Acharya Sher Kalasagarsun Gyarmandie Shri Mahajan Aradhana Kendra समढवालसेहि नहिचिप्तकठेहि मियलऊकंचाहारं करेहिंशायंबिलंविहिणा ७३ परिवहिउबहाणे राहारुबिरा बियाफासुलिककीन संलिहियतणुसरीसे 'आसप्परउमुणीनिच्चं ८१ एवंसरीरसंलेहणा विहिबजविहिंपिफासिता अनवसाणविसुखिणपित्तीमापमाडत्यो ८५ शनवसाणविसकी विधाियाजेतबंधिगठमबि कुचंतिबाललेसा में होइसाकेवलंसुष्ठो ८६ एयंसरोगसलेहणा विहिंजईसमायरइ थप्नप्पसंजयमई सोपाबइकेवलंसुझी ८७ निखिता कासयहा सरीरसंलेहणाविहीए ईसीकसायजोगा शसप्पविहिंयरमबुबं ८८ कोहंखमाइमाणं मद्दवयाशजवेण मायंच संलोसेणबलोहं निजिणिचत्तारिविकस्साए ८९ कोवस्सयमाणस्स यमायालोनेसूबानएएसिंचई ९० जावं तिकेइठाम उदोरगाऊंतिकसायाणं तेउसयाविज्तिो वियुत्रसंगोमुणीविहरे ९१ संतोवसंतधिइमं पसहविहिं बसमडियासंतो निस्संगयासुविहिया संलिहमोहेकसाएय ९२ इहाणिठेसुसयासह फरिसक्यगंधेहिं सुहदुस्कनि हिसेसो जियसंगपरीसहोविहरे २३ समिडसुयंचसमिउ जिणाहितंएदिएमछु तिबिहिंगारवेहिं रहिउहोइतिगुती यदकहिं ९४ सन्नामुशासबे सुशचनद्देश्चतबिसुझप्पो रागदोसपबंचे निजिणिउसणोजतो ९६ कोदुरकंपावि कम्मय सुरकेहिविमहउका कोमिनलनिजामुरक रागद्दोसीजइनदुजा ९७ निवतंकुणइथमितो सुकुविराहि उसमयोवि जदीविनिम्गहिया करितिरागोयदोसोय ९८ तंमुबहरागदीसेयेय बितेहचप्पणोनिच जंतेहिंइ For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154