Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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५ प्राग ॥३१॥
मणसरिसनविकण्टरकं जमणमरणायंकं बिदिममन्तंसरीराउ९८शेनहमसरीरंशन्लोजीवतिनित्ययमइ दुकपरिकिलेसकर बिंदमयत्तं० ९९ जावंतिकइदुरकासारीरा-माणसावसंसारे पतोशणतखुतो कायस्सममन्तदोसेणं १०० तमहासरीरमाइ सप्रिंतरबाहिरनिरससं विदममत्तंसुयिहिश जइबसिउप्तमंठाणं १ जगशारहोसंघोसलो मह खमउनिरवसे संपि. शहमत्रिखमामिसको गुणसंघायस्ससंगस्स २ शायरिउ उक्साए सीसे साहम्सिएकुलगेयोय जेमेकेयकसाया सवितिविहेणखामेनि ३ सवस्ससमणसंघस्स नवयउचंबलीकरी शसीसेसखंखमावडतो अहम विखामेमिसबस्स १ सहसजीवरासिस्स नाबउधम्मनिहिचनिशचित्तो सईकमावतो यहयंपिखमामिस सिं ५ इयखामियाइशारोशणुप्तरं तवसमाहिमारूढो पफोऊत्तोविहरइ बचियाहाकरंकम ६ जंबछमसंखिजाहिं शसननवसयसहस्स कोफीहिंगगसमएणविकणइ संथारंवारुहंतोउ ७ इश्शतहबिहारिणोसे बिग्घकरीवेशणास मुठेड तीसेविनेत्रणाए थणुसठिदितिंनिळावया ८ जइतावतमुणियरा शारोविशवित्यरा चपरिकमागिरिपना रविल्लग्गा बसावयसंककंजीमंधीधणियबहकथा शणुतरविहारिणो समरकाया सावयदाढगयवऊसाहती उन्नसंशठं किंपुणधरगारसहा मरोहिंधीरेहिंसंगमयणहिं नऊनित्यारिजाइमो संघारोउतमंघठं११ लालू उसरी रघरा एलोजीकोसरीरमन्नति धम्मसकारणेमुधिहि आसरिरपित्यबहुति १२ पोराणियप्पविद्याउ
राय धनपतिबिह बहादुर का पागम सग्रह नाग ५।
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