Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir
मरण पइंन्न १० जाग
रसेय फासेयनिग्छिणधिइए सोसुकसाएसुय निहंतुपरमोसयाहोइ १६ चडऊणकसाएइंदिए यसावयगारवेहंतु तो मलियरागदोसो करेहशाराहणासुछि ४७ दंसणनाणचरिते एवसाईसुजोशइयारो तंसवंशालोहि निरविसेसंपणि हिशप्यो ४८ जहकंठएबिठो सवंगवेयणदिउहोइ तहचेवउद्दिमिउ नीसल्लानिन्छउहोइ ४९ एबमणुठियद्दो सोमा इल्लोतेणदुरिकहोइ सोचेववल्लदोसो सुविसुठोनि उहोड ५० रागद्दोसान्निहया ससल्लमरणंमरंतिजेमुढा तेदुरकस लबऊलो नमंतिसंसारकंतारे ५१ जेपुणतिगारजमा निसल्लाविसणोचरित्तेया विहरंतिमुक्कसंगा पतितेसबदरक इं ५२ सुचिरमविसेसंकिलिठविहरतफाणसंबराबिहीणं नाणीसंबरजती जिणडशहोरनमित्तेणं ५३ जनिजरेइ कम्मं शुसंवुझोसुबऊणाविकालेणं तंवुमोतिगुतो खवेइऊसासमित्तणं ४५ सुबञ्जमुयाविसंतो जेमूढासीलसंजमगु
हिं नकरंतिनावसुमितेदुस्कनिन्नेलणाऊंति ५५ जेपुग्णसुयसंपन्ना चरित्तदोसेहिनोविलिप्पंन्ति तसुविसुठचरिता करंतिदुरकरक यसा५६ दुबमकारियजोगो समाहिकामोविमरण कालंमि नन्नवइपरीसहसहोवि सयमुहपराइ उजी वो ५७ तएव जाणतो महंतरंसुविहिएस दंसणचरितसही निस्सल्लोविहरतंधीर ५८ इत्यपुणनावणान पंचइमाऊं तिसंकलिठान शासहित सुविहिया जोनिवकिणिज्काए ५९ कंदप्पदेवकिच्चेइ सशनिउगाशासुरीयसंमोहा पया उसंकलिष्ठाशसंकिठाहवइच्छया ६० कंदप्पकोकुयाइय दबसीलोनिव्हासणकहाने विम्हाचिंतोउपर कंदप्पना
राय धनपतिसिंह बहादुर का आगम संग्रह भाग १०॥
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154