Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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गशिविद्य
प्राग
.५२.
| होड़कयजोगी ३७ धन्लाणंत्रुकसाया जगफिजंताविषरकसाएहिं निबंतिसमुष्ठित्तासु निविष्ठोषंगुलोचेव ३८ सा मन्त्रमणुचरंत्तस्स कसायाजस्सउक्ककालि मन्नामिउबपुष्पं वनिप्पलंत्तस्ससाममं ३९ जशजियंचरितं देसूणा एपुवकोझिए स्तंपिकसाइयमि त्तोहारेनकोमुजंतेणं ४० जंशजियंचकम्मं शणंतकालंपमायदोसेणं तंनियरो गदोसो खविजपुडाणकोझीए ४१ जनवसंतकसान लहइअणतपुणोविपरिवायं किसकावीससयं योविविकय ससेसंपिमि १२ खीणेसुनाणखेमं जयंजीव सुशन्नयशन्नइए सुत्तठसुयाविनठं सुरकचजनकसायाणं ४३ घन्नानि इसराजिए क्यणस्यानियत्तियकसाया निसगनिम्ममत्ता विहरतिजहबियासात ११ धलाशबिरहियगुणा बिह रंतीसुरकमग्गमल्लणाइ हयपरमयलोए जीवियकरणअपबिछा ४५ मिळतंवमिऊणं समतंमिधाणेयंशहरगारो कायद्योबुझिमयामरण समुग्धायकालंमि ४६ हंत्तियलियंमिधारा मरणे पचाउवमिए संत्तेमरणसमुग्छाएणं शवसा मन्चतिमिनं १७ तोपुचंबुछिमया शालोइयनिदिउगुरूसकासेका पन्बाशणसुछी पछाईयजसरइ १८ ताहे जंदिवगुहषापबित्तं जहरियंजस्सइकामिनिलणित्ता शहमबिमिबारि ४९ परमब उमुणं शवराहोनेबहोडकाय बो वलियस्सपमाएणं, पछमयस्सकामवं.० पबित्तेणविसोही पमायबजलस्सहोइजीवस्स नेणतयंकुसनूयं चरि यचंचरणरस्कहा. विसुमत्तससचा जइलणियसझनाणत्तहिं मरणप्नवरहिया शालोयननंदणासात ५२ इक्क
रायधनपतिसिंह बाहदुर का श्रागम संपर नाग
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