Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 108
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्स जइविमरणेसमाहि हविनविजजायजयाणं २२ असमतसुविसुणी पुत्वंसकयपरिकम्मपरिहबो संजमम रणपइन्लं सुहमाहिनसमाणेई २३ इंहियसुहसाउलन घोरपरीसहपरवसविउतो शकयपरिकम्मकीवो मुवइशा राहणाकाले २४ नचएइकिविकाउं पुवंसकयपरिकम्मवालियस्स खोहंपरिसहमू धिइबलविणिवारियामरणे २५ पुछकारियजोगो शनियाणोइंहिऊणमइकुसली सबबश्वाशपबिछो सकजाजोगंसमाणेइ २६ उप्पीलियासएसण गहियाउहचावनि बपमईउविंधइचंद गाविसनविधेड़ २७ सम्हाचंदगाविसंस कारणंशप्पमाइएगनिच्छ शविरह यगुणो शप्पाकायबोमुस्कमग्गंमि २८ सम्मत्तलष्ठवुछिस्स चरमस्ययंमिवमाणस्स शालोइयनिंदिय गरहियस्सम रणहवइसुई २९ जेमेजाणंत्तिजिणा श्वएहानाणदंसणचरिते त्तेसवेशालोए उवठिनसबन्नावेण ३० जोदुनिजी वसहिया संजनरसंसारबंघणा पावारोगंदोसंचतहासो मरणोहोइकयजोगो ३१ जोतिविजीवसहिया दंफामणव सहिया संनइसंसाबंधणापावा रोगंदीसंचन्तहा सोमरयणकायगुती नाणंकुसेणणगिराहइ सोमरणेहोइकायजोगो ३२ जोचत्तारिकसाए घोरेससरीरसंनवे निचंजणगररिएकसाए सोमरणेहोइजोगो ३३ जंपंचइंदियाइन्नाणी विसयसंपलताइ नाणंकुसेपगिराहाइ सोमरणेहोइजोगो ३५ जेणजियाशठमयागुत्ती विजनवहिंबंजगुतीहिंश उत्तोदसको सोमरणेहोइकयजोगो ३६ जोयिसहइबावीसं परीसहादुस्सहाउसग्गा सुन्लवथाउलेवा सोमरणे For Private and Personal Use Only

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