Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 98
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir यरियाशयंचपरंचदीवंति ३० धनाशायरियाणं निशाइच्चचंदनयाणं संसारमहनवनारयाण ॥ पाएणणिवयं ति ३१ इहलोइयंचकितिलहइयरियन्नतिराएणदेवलोए विनगांगंपवयणंशसरंक्षा ॥ शबरणमढ़गया परिएवं दयाइति ३२ बधधमदसमवालसहि मासहमा मखमणहि ॥ शुकरित्तागुरुवयणंछतेजतिशतसंसारी ३३ एए शन्लेशवऊशायरियाणं गुणाश परिमेजामीसागुणविसेस कयि समासेगबुबामि ३४ नीय वितिविणीयं ममत मंगुणाविया गयं सुयणं यरियम वियाणि मीसकुसीलापसंसंति ३५ सीयमह उराह सहवायसहं कुहपिवासाशरेइ सहं पुढवीविससवनहंसीसं कुसला पसंसन्ति ३६ लाने तुशलानेसुय श्वबन्नेजस्सहोइ सुहवलो शप्पिसत्रुठंसी संकुशलापसंसन्ति ३७ बबिहावेणयविहिलू शसविनसोजबुच्चइविणन इहिगारवरहियं सीसंकुसलापसंसि३८ शायरियवन्नवयंगणि सेविकित्तिवछणधारं धीधणियबधक सीसकुशलापासंसत्ति ३९ हतूणं सत्रमाणं सीसोहो ऊगन्नाधिसिरलहि सीसस्सर्जन्ति सीसाशसीसस्स ४० वयणाइंसकयाइं पगइनिसिछाइ विसहिणबाइं सी सणा यरीयाणं निस्सेमागमाणेणं ११ जइकुमलरूवजीवण बलबिरियसमससंजतं मिउमटवायमपिसुण मसढमधष्ठं शलोनंच २४ पमिपुत्नपाणिपायं शणुलोमंनिछन्बचियसरीरं गन्नीरचुगत्तासं उदीरदिठिविसालबं १३ जिण जिणसासणमणुरत्तं गुरुजणहपिबगंच धोरंच सहागुणपम्पुिलं विकारविणयंविणयमूलं १४ कालल्लू देसलू सम For Private and Personal Use Only

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