Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 101
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir महापा पन्न जाग ॥ ८॥ मबगहियसाराबंधं मुरकचत्तेबिजाणत्ता वाऊणबंधुमुरकं खवंतिपोराणयकम्मं ७५ नाणेणहोइकरणं करणंनाणेण फासियंहोइ दुखहंपिसमायोगे होइविमोहीचरितस्स ७६ नाणं पगासयंसोहउन्न वोसंजमोयगुतिकरो तिराहपिसमा योगे मुरकोजिणसासणोन्नणिन किंसोलयरबो रतरंचमुदरतरवाचं दमिन्सबलोग्ग वजसुपसुहं पलोयंति ७८ चंदाननियइजुराहा बसुयमुहाननियइजिणवयां जंसोऊणमणुस्सा प्रतिसंसारकंत्तारं ७९ सुइजहासमुता ननसहरकयकरंमिपहियावि जीवोजहासमुनी ननस्सइगनविसंसार ८० सुईजहाशसत्ता नासइसुलेशदिस्समा णं मजीबोतहसुत्तो नासइमिबत्ताशसंजुत्तो ८१ परमबंमिसुदिछ शविणठेसनवसंजमणू सलप्नगईबिसिछास रसारेविगवि ८२ जहशागमेणविजा जाणइवाहिं त्तिगिबिउनिठणोत्तहशागमेणनाणी जाणइसोहिंचरित्त स्स ८३ जहशागमेणहीणो विछोवाहियस्सनमुणइनिगि तहशगमपरिहीणो चरित्तसोहन जाणेई ८४ सम्हा त्तिबयरपरू वियंमि नाणंमिशनसतंमि उजोनकायको नरणमुस्कानिकामेण ८५ वारस्सविहमित्तवे सनिंतरवा ही रेजिणकाए नविश्वबनवियहोही ससायसमंत्तवोकम्म ८६ मेहाजजनवज मेहा समेणकमाई उजाउंका यहोनाणं शुन्निरकमणेण ८७ कम्ममसंखिजनवखाबई गुणसमयमेवशाउत्तो बजयत्नवसंविय पऊससाणखणेख वई ८८ सत्तिरियसुएसुरनरो सकिंनरमहोरगा सुगधबासबोबउमबजणो पहिपुबइकेवलंलोए ८९ इक्कमिविजा राय धनपतिसिह बहादुर का भागम संग्रह भाग For Private and Personal Use Only

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