Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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Acharya Shri Kalassagarsun
yarmander
पर्दा तिजयणसरीर वंदं संघवयणरयणमंगलंनमिउं समणस्सउत्तम मरणविहीसंगहवुबं१ सुणहसुयसारनिसं हससमयपरसमयनिम्मायं सीसोसमणगुण परेपुबइयायगंकिंचि २ शनिजाइसन्नवि कमसुयसीलविमुनिखंतिगु णकलियं शायारविणयमद्दवि विजाचरणगरमुदारं ३ कित्तीगुणमयहरंजस खाणितवनिहिंसुयमसिह सीलगुण नाणदंसण चरितरयगागरंधीरं १ तिविहन्तिकरणसुदं मयरहियंदुविहठाणपुणरत्तं विणएणकम्मविसुछ चउसिरं वारसावत्तं ५ दुगुणयशहाजायंएयं काऊणप्तस्सकिइकम्मं नतीइनरियहियन हरिसवसुनिन्नारोवंचो ६ उवएसा हेउकुसलं तंपवयणरयसिरिघणंलणड इनामिजाणिउजो मरणसमाहिंसमासेणं ७ अनुज्यविहारइत्यं जिणदेसियं विउपसत्यं नाउंमहापुरिसदेसियशनमायमरणं ८ तुकिडसामिसुअजलहिया रगासमससंघनिष्पवया तुज्यंखुपा यमूलेसा मलंउडामिस्सामि ९ सोनरियमकरजलहरगं नीरसरेनिसन्तनुजणइ सुणहाणिधम्मवबल मरणमाहिंस मासेणं १० सुणजहयबिमकाले यत्यिमतित्ययरदोसियमुयाणं पत्यानित्यियपबंउचिंति थप्नुवयंमरणं ११ पहजो ईसईकाऊणा लोऊणवसुविसुर दंसणनाणचरिते निसल्लोविहिरचिरकालं १२ शाउच्चेयसमतीति मिबपजहवि सार बिसोरोशायंकागहि उसानिरुयंशाउरंकुणइ १३ एवंएबयणसुय सारपारगोसोचरितसुठीए पायबसवि हिनन्तं चमगारविसोहेइ १४ जणइयतिविहानणिया सुविहियशाराहणाजिणदेहिं संमतंमियएढ मानाणचरित्ते
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