Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 103
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra Acharya She alssagarsu Gyarmandie गतिविद्य शाम .४ए। दुलहा ६ विपुणकेईपुरिसासंमतं नियमसोयसंसंति केईचारीतसोहिं नाणंचतहापसंसत्ति ७ संमतचरिताणं दुरण्हपिसमागणणसन्नणं किंतबगिरिहयछ पुरिसेणवुछिमंतेणं ८ संमतशचरितस्स हवइजहाकण्हसेणियाणं त्रु जेपुणचरितमंता सिंनियमेणसप्तं ९ जणचरित्ताने सुठुयरंइंसणंगहेयर सिहंतिचरणरहिया दंसणारहियान सिसंत्ति १० उक्कोसचरितोविय पफेडमियत्तन्नावनकोवि किंपुणसम्मदिठि सएगधम्ममिवहलो ११ शबिरहिया जस्समई पंचहिंसमिई हितहींगुतीहिंवकुणइरागदोसे तस्सचरिलंहवासुर १२ सम्हात्सेसुपयतहक जोसुयउज मंपबत्तेण संम्मप्तमियमापमाएह १३ चरणस्सगुणविसेसा एयमइनियासमासेणं मरणस्सगुणविसेसा उहियहिप यानिसामेह ११ जहचनियमियत्राए श्याणमाणेनरोसमारूढो इबेइयराणीयंशहरकत्तुजो थकपजोग्गो १५ सो पुरिसोवरनपुवंशनियमियतुरए शयाणमाणोनरोसमारूढोडबेइपराणीयं १६ शइक्कत्तुजोशकपजोगो करणजे गिणं वणपराणीयंन दोवसंग्गमे १७ एवसकारियजोगो पुरिसोमएणउवविएसतेन नवइपरीसहसहोयगे स परीसहनिवाए १८ पुछकरियजोगो समाहिकामोयमरणकालंमि लवईयपरीसहस होवि सपसहनिवारिउशष्या १९ पञ्चकयपरिकम्मो पुरिसोमरणेउवष्ठिएसंते बिदइपरिसहच मुंनि यपरीसुप्पहारेण ५० बाहिंविइंदियाइं पु छमक्कारियपरत्तारिस शकयपरिकमाकाशे मुसइशाराहणकालो २१ थागमसंचुतस्सविइं दियवसलोलुयंघरह राप धनपतिसिंह बहादुर का आगम सग्रह भागए। For Private and Personal Use Only

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