Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 105
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra भरण० प नाग १० ॥ ५० ॥ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हिंदोखणा १५ सद्दहगा बत्तियगारोगा जस्सवीरत्रयणस्स समन्त्रष्णुसरंता दंसणच्या राहणाऊंति १६ संसारस मीबन्ने यत्थिविहेमुहेमस्सिएचेव एएबिहेजीवेोणा एसद्दनिच्चं १७ धम्माधम्मागासंच पुग्गलेजीवमविकायच छाणासद्द कहता मम्मताराहगोणिया १८ अरहंत सिठचेईय गुरुमुयधम्मसात्रग्गेय छायरियाए ए याणसज्ञसंघय १९ एएसुजन्नितुन्ना पूयताञ्हंणसामाणा समताणुसरितो परिप्त संसारियाऊंसि २० वि हिग्रहमंडन्तं सद्दहंत्ते हिंगणेगजीवहिं बालमरणाणिलीए मायाईकालेच्णंताई २१ एगंपंप्रियमरणं मरिऊण पुणो णिमरणाणि नमरंतिप्पमता चरिताराहियाजेहिं २२ दुबिहंमिहरका एस संघमा पुन संगमुक्का जेउ वयतिसरीरं पंप्रिय मरणंमयंत्तेहिं २३ एयपं नियमरणं जेधीराउवगया उठाएणं तस्सउवा एसुइमा परिकम्मविहीउ अंजीया २४ जैकेस संखताऊणमा छजि गगणयंकयतणं सरिकप्पासुयकप्पिय छाहारविहारचिटागा २५ निचंतिदंशविर तिगुत्ता तिसल्लनिखल्ला तिबिहेणाप्यमत्ता जगजीवदयावरसमाणा २६ पंचमहल्यसंत्यय संपु रित्तसीलसंत्तान्ता जहत्तहमयामहे सोह वंतिया राहगामणा २७ इक्ष्याणंजाणिऊण काऊ त्तहिययंच तोमाणदंसणचरित्र तवमुठीमुणाति २८ परिणामजीगसृठा दो सुयदोदोनिरामयंपत्तो इहलोएयरलोए जीविय मरणाचे २९ संसारठाणानिय रागद्दोसनियलाणवितुंग सम्मदंसण सुनिसिया तिस्कधिइमं लग्गेणं ३० दु For Private and Personal Use Only धनपति बहादूर का चागम संग्रह भाग १०

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