Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
View full book text
________________
Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir
महापञ्च पव
प्राग
॥४१॥
गर्दा एसकरमिपणामं तित्ययरांशणुप्तरगईणं सोसिंचजिणाणं सिछाणसंजयाणंच , सहदरकप्पहीणाणं सि हाणशरहोनमो सद्दमणपवत्तं पञ्चस्काएमिपावगं २ जंकिंचिदुच्चरियंतमहं निदामिसवनावेणं सामाईयंचप्ति विहं करंमिमनिरागारं ३ बाहिरनिंतरविहिं सरीरादिसनोडणं मणसावइकाएणं सतिविहेणंबोसिरइ १ रा गंबंधंपनसंच हरिसंदीणानाविय उस्सुगतनयसोग रइमयंचवोसिरे ५ रोसेणपच्चुतिबिहेण शकपणुशतषसज्जाए जोमेकिंचिबिनणे तिविहंतिविहेणा खमेमिसछजीवे सचेजीवाखमंत्तमे शासवेवोसिरित्राणं सवाहिंपरिसंघ ७ निंदामिनिंदणि गरिहामिशजंचमेगरहणि शालोएमिशसबं जिणेहिजंजंवपनिव८ उशहीसरीरगंचे वश्थाहारंचचउल्विहं समत्तंसदेवेसु परिजाणामिकेवलं ९ समन्तंपरिजाणामि निम्ममउवहिन शालंधणंचमेशा या अवसेसंचबोसिरे १.शायामेजनाणे शायामेदंसणेचरितेय थायामेपच्चरकाणे शायामेसंजमेजोगे " मूलग
उन्नरगणे जमोनाराहिलाय माएणंसल्वेनिदामि पफिक्कमेशागमिस्साणं १२ इक्कोहनत्यिमेकोइ नवाहमयिक स्सई वंशदीगमणसो शप्यायुमणसासए १३ इक्कोउप्पडाएजीबो इक्कोचंबिवडाइ इक्कस्सहोइमरणं इकोसिज्जइ नीरन १४ इक्कोकरेडकम्मं फलमबित्तस्सेक समणुहवतंइकोजायइमरई परलोकंइक्कजाई१५इक्कमेसासनशप्पा नाणदंसणलरकणो संसामेबाहिरानावा सङ्घसंजोगलकणा १६ संजोगमूलाजीवेण पत्रादुरकपरंपरा तम्हासंजो
रायनपतिबादुर का भागम बघा नाग।
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154