Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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महापद्य
प्राग ॥ ४॥
परहिउ शणाइत्तोताहेइंदियचरा करसितवसंजमविलोयं ९८ जिणवयणमणुगपमई जवेलहोइसंवरपविठो शग्गी ववाउसहिउ समूलकालंकहडकम्मं ९९ जहदमडवाउसहित शग्गाहरकेविहरि शवणसमेतहपुरिसकारसहेउ नाणं कम्खयंनेइ १०० अंशलाणीकमंखवेइ बऊशाइंबासकोनहिं तंनाणातिहंगुतो खवेइंजसासमित्तणं , नऊमरणं मिउवगो सक्काबारसविडोसुअखधो सहोशणिचित्तेन धंतपिसमवचित्तेणं २ इक्कंमिविजमिपएसंवेगं ऋणइवीय एगमए तंतस्सहिइनाणं जेणविरागतणमवेड ३ इक्कमिविजं. संवेगंपसोतेण माहालबिदइ बजाय उरगेणं १ इक्कमि० संवेगं. बच्चाइनरोशन्निरकंत मरणतेणमरियई ५ जेगविरागोजायाई तंतंसवाइंरणकायचं मवइइहसंवे गी अणंतहोडशसंवेगी ६ धम्मजिणपन्नत्तं सम्ममिणसद्दहामितिविहेण तसथावरमूशहियं पंथंनिहाणनारस्स ७ समणोमित्तिडपढमं वायसवबसंजउमि तिसचंचवोसिरमि शजिणहिजंजंचपभिवुछ८ उवहीसरीरगंचव शाहा रंचचउन्विहं मणसावयणकाएणं बोसिरामितिनावउ ९ मुणसाशचिंतणिज सजासाइंशनासणिजांच काएणश करणिांसहन्निबिहेणबोसिर १० अस्संजमवरमणं बबहिबिवेगकरणं इंवसमोन पफिरूवजोगविरउ खंतीमुत्ती विवगोश १, एशंपाकाणं थाउरजणशावई सुनावणं शण यरंपविलो जपतोपापइसमाहिं १२ एतसिनिमि तंमी पञ्चरकाऊणजइकरे कालत्तोपच्चस्काइएवं इमेणइक्कणविपएणं १३ मममंगलमरिहंता सिकासाकसुशंचध
राय धनपतिसिंह बहादुर का आगम संग्रह भाग ८ ।
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