Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

View full book text
Previous | Next

Page 93
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महापद्य प्राग ॥ ४॥ परहिउ शणाइत्तोताहेइंदियचरा करसितवसंजमविलोयं ९८ जिणवयणमणुगपमई जवेलहोइसंवरपविठो शग्गी ववाउसहिउ समूलकालंकहडकम्मं ९९ जहदमडवाउसहित शग्गाहरकेविहरि शवणसमेतहपुरिसकारसहेउ नाणं कम्खयंनेइ १०० अंशलाणीकमंखवेइ बऊशाइंबासकोनहिं तंनाणातिहंगुतो खवेइंजसासमित्तणं , नऊमरणं मिउवगो सक्काबारसविडोसुअखधो सहोशणिचित्तेन धंतपिसमवचित्तेणं २ इक्कंमिविजमिपएसंवेगं ऋणइवीय एगमए तंतस्सहिइनाणं जेणविरागतणमवेड ३ इक्कमिविजं. संवेगंपसोतेण माहालबिदइ बजाय उरगेणं १ इक्कमि० संवेगं. बच्चाइनरोशन्निरकंत मरणतेणमरियई ५ जेगविरागोजायाई तंतंसवाइंरणकायचं मवइइहसंवे गी अणंतहोडशसंवेगी ६ धम्मजिणपन्नत्तं सम्ममिणसद्दहामितिविहेण तसथावरमूशहियं पंथंनिहाणनारस्स ७ समणोमित्तिडपढमं वायसवबसंजउमि तिसचंचवोसिरमि शजिणहिजंजंचपभिवुछ८ उवहीसरीरगंचव शाहा रंचचउन्विहं मणसावयणकाएणं बोसिरामितिनावउ ९ मुणसाशचिंतणिज सजासाइंशनासणिजांच काएणश करणिांसहन्निबिहेणबोसिर १० अस्संजमवरमणं बबहिबिवेगकरणं इंवसमोन पफिरूवजोगविरउ खंतीमुत्ती विवगोश १, एशंपाकाणं थाउरजणशावई सुनावणं शण यरंपविलो जपतोपापइसमाहिं १२ एतसिनिमि तंमी पञ्चरकाऊणजइकरे कालत्तोपच्चस्काइएवं इमेणइक्कणविपएणं १३ मममंगलमरिहंता सिकासाकसुशंचध राय धनपतिसिंह बहादुर का आगम संग्रह भाग ८ । For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154