Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

View full book text
Previous | Next

Page 91
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kalassagarsur Gyarmandir महापञ्च ८प्राग ॥३॥ | चणानुकपएरागदोसवमएण पम्बिंधेयजविह तंनिंदेतंचगरिहामि ६३ हंतूणमोहजालंबितणय शछकंसका चिमणमरणारहहं निणनवाउपुविहिसि ६७ पंचइमहावयाइंतिविहं तिबिहेणचारुहेऊण मणवयकायगुत्तो स समरणंपझिविजा ६८ कोहंमाणमायालोहं पिनहेवदोसंचचइ ऊणशप्पमतोरका सिमहराएपंच ६९ कल हंशनमस्काणं पेसुणपिशपरस्स परिवायंयरिवत्तो गुत्ताररकामि०७० पंचंदियसंबरणं पचेवनिरुनिऊणकमि गुणे शच्चासायणनानरस्कामि० ७१ किराहानीलाकाऊलेसाकाणइं शहरुद्दाइंपरिरकामि० ७२ ऊपन्नासुक्का लशा जाणाइंचम्मंसुक्काइं उयसंपन्लगुत्तीरस्कामि० ७३ मणसामणसविक वायासबेणकरणसणण त्तिविहेणवि सविउरस्कामि० ४७ सत्तजयविप्पमुक्कचनरि निहन्निऊणयकसाए शझमयहाणजोररकामि०७५ गुत्तीउसेमि ईनावणा उनागंचदंसणंचेव उबसंपनीजुन्नोरखामि० ७६ एवंतिदकविरउतिकरण सुशोतिमलनिसल्लो तिविहेण शप्पमतोरस्कामि० ७७ संगंपाहिजाणामिस लंतिविहेणउछरेऊणगतीसमिई उमऊताणंचसरणंवा ७८ जहसहि शवकवाल पोपरयगनरिछसमुद्घमि निजामगाधरितीकय करणाबुझिसपला ७९त्सवयोशंगणनरियं परीसक म्मोहिंखुहिशमार सहचाराहिंतिविज उवएसबलबगाधीरा ७० जइतावतेसुपुरि शायोरोबिनिरवयस्का पन्ना रकंदण्यासाइं तीचप्पणोठं ८१ जइलावतेसुपरिसा गिरिकंदराकगविस मदुग्गेसुधिइधणि शवछकवासाह राम धमपतिसिंह बहादुर का पागम संग्रह माग । For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154