Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 80
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सारस्कयकरणं संसामुचीममुकारं ७६ थरिहंसनमुक्कारे बिरहेविजाजोसरणकाले एकोसोजिणघरेहि दिठोसंसा स्यससमस्यो ७७ मिष्ठोकिलिष्ठकमो नमोजिणाणति सुकयपणिहाणो कलदलरकोजस्को जाउवोरुतिसूलिहउ ७८नावममुकारविघमिचाई जीवेणशकयकरणाइं गहियाणिशमुक्काणिश शणंतसोदबलिंगाड ७९ शाराह चाफाघागहणेह त्योजवनमोकारो तहसुगइमग्गगमणे रऊजीवस्सशप्पमिहो८० नाणीविश्वांगावो शारा हितामउनमुक्कारं चंपाएसिविसुउ सुदंसणोविस्सुउजाट ८१ किंडाजहासिसायं सुठुयणात्ताकारइ पुरीसबम माणहिशयपिसायं सुठुवउत्ततहकरेइ ८२ तुवसम्मइकिएहसप्यो जहमंतणविहिणाएउतैण तहहियमकिएहसप्पो चउतणनाणेण ८३ जहमकाकउवणमवि मसत्योर्थनसकोइतह खणमविमसत्योवि सएहिंविणानहोइमणोज्छ बम्हासउठिउमणो मणमकाउणिोवएसेणं काउसप्तनिबछो रामेशहोसुहसाणो ८५ मूईजहासमुप्तानं जस्सइ जयखरंमिपश्चिावि जीवोधितहसमुत्रो नमस्सळईगउविसंसारे ८९ खंकसिलोगेहिजवो जड़तामाउरखिउराया एसोच सुसामबंकिं पुणजिणउतसलेण ८७ शहबाचलाइमुत्तो नाणेतहामरतंच उबसमविवेगसंवर पयसुमरणमि समुचनाको ८८ परिहरीबवह संमंसमवयकायजोगेहिं जीवनिससमान जावजीवपपत्तेणं ८९ जहंतेनपि बंदुकं जाषिचएमेत साम्मुवाली पामेणकुणायदतुं १० गतसंदराउधागासाउ विसालयनत्यि लामांकि पुणजितहसमुतो नमानियझो रामेशको For Private and Personal Use Only

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