Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
View full book text
________________
Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir
सु६ ररकाहिंबंजरगुती हिनवहिपरिठहं निचजिणाहाइकामं दोसपकामविशाणिप्ता ७ जावइशाकिरदोसा इह परलोए दुहबहाऊंति आवहतंउसबे मेछणसनामण सस्स ८ रइशरइतरलजिहा जुएणसंकप्पउप्नफलण विसय विलवासिणा मेयमुहेणबिच्चोश्चरोसेण ९ कामभुश्चगणदष्ठा लजानिमीशदप्पढाण नासंतिनराशवसा दुस्सहदुरका बहसेण १० लल्लननिरयविउणा घोरसंसारसायरुख हणसंगबइनयपिबइ तुबत्तंकामिशसुहस्स ११ महसरस यविछो गिझोणिउन्हरायपत्तीए याउरकालयगोहे दुग्धंधेणेरासोविसिउ १२ कामासत्तोनमुणडगमागमं पिवेसि थाणुसिझीकुवेरदत्तो निशयसुरयरहरतो निश्चयसुरयेरइरतो१३पफिपल्लियकामकलिंकामघत्यासुसुश्शसुश्शणुबंधं महिलासुंदोसविसहलरीसु पयइंनिरत्यंतो महिलाकुसुवंसंपियं सुश्मायरंचपिशरंच विसयंघाशागणदुरकसमुलं मियाकेइ१५निशंगमाहिमपउहराइ उप्पित्यमंथरगईहि महिलाहिंनिन्लयाहिव गिरिवरगुरूरशाविनजात१६सुटु विजिशासुसुपिशासु सुकृविपरुढमेमासु महिलासुनुशंगीसुववीसंजना ४ मकोकुणइ१७ वीसननिप्नरंपिऊ उव बाएरपरंपरूढपणयंपि कयविप्पिशपिशंकति नितिनिहणंहयासान १८ रमणीशदसणा सोमालिंगीउगणतिब छाउनवमालइमाला उवहरतिहि शयंमहिलिशातु १९ कितुमहिलाणसिं दंसणसुंठणजणिशमोहाणं थालिंगण मइसदेह वनमालाणवविणासं २० रमणीदसणंचेव सुंदरहोउसंगमसुहेणं गंधुनिशसुरहोमालइई मलणंपुणवि
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154