Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 81
________________ Acharya Shri Kallassagarsun Gyanmandir Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kabaith.org माहणीमा निबूटी भक्तपख माग जहतहजयंमिमाणसचं ममहिंसामंत्यि ९. सविसंबंधा पसाजीवेणसजीवेहि तोमारंतोजीवेमारइ संबंधि जोसले ९२ जीयवहोजीवदयाचप्पणोदयाहोइ शासजीवहिंसा परिचप्ताश्चतकामेहिं ९३ जावइशाइंदुस्काई जतिचउगइगयस्सजीयस्स सबाईताइंसाफलाई निउणविशाणाहि ९१ जंकिंचिसुहमुशारं पतपयडसुंदरंज च शारुग्गंसोहग्गं तंतमहिंसागलंसहं ९५ विपारिपत्रो बूटोविसुंसमारदाहाए गेणएगदिजिएणहिसावगुणे ९६ परिहरशसच्चबयणं सपिचउछिपनेण संजमवनाविजन नासादोसे गलिप्यंति ९७ हासेणचकोहेणवा लोहे जजएणबावितससच्चं मातणसुजणसुसच्चं जीबहिश्त्यंपसत्यमिणं ९८ विस्ससणिजोनीयाव होइपुजोग्गुरुवलोथ स्स सयणुसच्च्वाइ सुरीसोसहस्सहोइपिउ ९९ जोउवझठीसिंहकी मुहीबावनग्गोवा लोएत्रासच्चाइ नबइपा संचंगालो १०० लिशंसइंपिनणिनं विहणइबऊशाइसच्चवयणाई पकिउनरयमिवसू डक्करशसच्चययणेण , माकुणसुधारनहिं शप्पवयऊंचपरधणंधियात्रु दंतंतरसोहणयकिलिं चमित्तंपिश्वविदिलं २ जोपुणश्त्यंशवहर इ तस्ससोजीविश्वपिशवहरइ जंसोश्त्यकएणं उसंइजीशंन उणशत्य ३ तोजीवदयापरमं धंमंगहिक्रणगिराहमा दिन जिणगणहरपफिस्सिठं धमविरुठंधहमंच ४ चोरोपरलोगंमिति नारयतिरिएसुलहइदुरकाई मणुशतेणवि दीको दारिद्दोबदुउहोइ५ चोरिधुनिवित्तीए सावयपूप्तोजहासुहंतहई किहिमोरपितचितिच गृहीचोराणचलणे राय धनपतिसिंह बहादुर का पागम सा नाग । For Private and Personal Use Only

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