Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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भक्तपत्र जाग
सविसहकंबुयकरालो पाईगुरुसंघं साहमोशमाइंलतीए ३० निशदछमउजिणिंद नत्रणाजिबिंधवरपइठासुवि शुरईएसत्य सुत्यय सुतित्यतत्ययरपूशासु ३१ बजइसोविसबधिरड कयाणुराउबिसुहमड काउबिन्नसयणाणुराउ विसयविसाउविरत्तो ३२ संधारयपहज पचाइसोविनिशमनिखज सबधिरडपहाणंसामइ शुचरितमारुहड ३३ शहसोसामहशधरोपनि बलमहत्व उजोसा देसवरुउचरिमं पच्चरकामिनिच्छहन ३४ गुरुगुणगुरुणो पयपं कयनमिशमबउन्नगड नयवंन्ननयरित्नं तयाणवयंपयामि ३५ शासहणाइखेमंतस्से वयशप्पणोशगणियस होदिनिमित्रेणं पमिलेहइइहरहादोसा ३६ ततोनबच्चरिमंसो पच्चस्काइतितिबिहमाहारं शक्कोसिशाणिदहाणि तस्ससहागिदंसिजा ३७ पासित्रुनाईकोडतीरं पत्तस्मिमेहिमस देसंचकोइनुच्चा संवेगगउविचिंतेड ३८ किंचित नोवजुतं मेपरिणामासुड सुइ दिठकोसेसुहंजाइय चोचणेसावसोशउ ३९ शमरलसोहणठा समाहियाणंमणंनमे सौवि मऊरंपडशहोमं दंचबिरेयणंखमन ४० एलतयनागकेसर तमालयत्तंससकर दुकंपाऊणकढिशुसीशल स माहियाणंतनपत्या ४१ मजरविरेशणमेसो कायबोमुष्फलाइदहिं निवाविउशशग्गी समाहिमेसोसुहलहड २४ जाउबजीचंतिविहं शाहारंबोसिडहखवंगो निजायगोशुपरिन संघस्सनिवेशणइ ४३ शाराहणयच्चडखमगस्स यनिरुवसग्गपञ्चदशं तो उसग्गोसंघेणहोइसणकायको ४४ पच्चरकावितित उ ततेखमयंच उविहाहारं संघयसमुदा
राप धनपतिसिंहबहादुर का आगम संग्रह भाग ७
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