Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 75
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७ जाग ॥र्दय॥ नमिऊणमहाइसयं महागला मुणिमहावीरं नणिमोनन्तपइन्लं निशरण सहापरठाय १ नत्रगहणजमणरी भरपत्र || लहतिनिचुइसहं जमल्लीणा तंकप्पदुमकाणण सुहणयजिणसासणंजयइ २ सणुशतंजिणवयणंच दुल्लहपाविऊ पासपुरिसा सासयसुहिक्करसिएहिं नाणसिएहिहोशव ३ जंशज सुहन्नविणो संतरणीशुत्तयं नवेकल्लं मग्गंतिनिरुव ॥ ५॥ | सग्गं छपवग्ग सृहंबुहातण ४ नरवित्रुहेसरसुरकं दुरकंपरमत्यन्तयंबिंति परिणामदारुणमसासयंचजताशलतण । जंसास य सुहसाहसाहामाणा शाराहणंजिणीदाणं सातोएजइवं जिणवय गविसुरुवुठीहि ६ तनाणदसणाणं चा रिमतवा गजिणयणियाण जंछाराहणमएमो शाणाशाराहणं बंति ७ पञ्चजाएशनजुडवि छाराह उशहासुतं श अछामरणणं अधिगलमाराहणलहइ ८ तनुजुशमरणं शुमरणधम्महिंबंनियंतिविहं नन्तपरित्याइंगिणि पाउ चगमंबंधीरे हं ९ नत्तपरिनामरणं दविहसविशारमोशविशारं सपरकमस्समुगिणी संलिहिशतगुस्ससविशारं १० परक्कमस्सकाल शुप्पकृतपंमिजंतमविशारं तमहंन्नत्तपरिनंजहा परिन्नणिस्सामि ११ धिडबलविशालणम काल मह्य कलिशाणमकयकरणागं निरजमकालिशु जइणजुग्गंनिरुवस्सग्ग१२ परमसहमप्पिवासो असोश हानास जीविशनिरासो विसयनुहविगयरागो धंमुमजायसंवगी १३ नित्यिशमरणाचत्यो वाहिग्छत्योजड गि हत्योवानबिनुनत्तपरिना इनायसंसारनिगुन्नो १४ वाहिजरमरणवयणे निरंतरुप्पलिनीरमयरदो परिणामदासद राय धनपतिसिह बहादुर का पागम संग्रह भाग 1 For Private and Personal Use Only

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