Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 73
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir माउरपच्च उपन ६माग ॥३४॥ रिसोम रणदेसकालंमि पुछक्रयकमपरिजायणाइपत्यापरिवति ५१ तम्हाचंदगविह्य सकारणंउजाएणं पुरीसेणं जीवोशविरहि शगुणोकायहोमुस्कमग्गंमि ५५ बाहिरजोगविरहिन शनिंतरकाणजोगमल्लीणो जहन्नमदेसकाल शमूढसंनोचयइदिहं ५६ हंत्रणरागदोसं बित्रुणयशठकमसंघायं जमणमरणरहहत्यितणनवाविमुच्चिहसि ५७ एवं सच्चवएसंजणिदिउंसदहामिति विहेणंतसथावर खिमकरंपारंनिचाणमग्गस ५८ नहितमिदेसकाले सक्काबारसबि हासुधरकंधोसिहो शांचिंतेउंधणिपिसमबचित्रणं ५९ एगंमिविजमिपए संवेगंवोयरायमगंमि गबहनरोश निरकंतं मरण्यंतणमरिश ६० लोएगंपिसिलोजंजो पुरिसोमरणदेसकालंमि धाराहणावउत्तो चिंतंताराहगाहो इ ६१ शाराहाणाचउत्तो कालंकाऊणसुबिहिउ सर्म उक्कोसंतिलनवे गंतणंलहइनिबाणं ६२ लहंशलछपुछ जिण ययणसुनासि शंशमयनशंगहि नसग्गइमग्गोनाहमरंणस्सबीहामि ६३ धारेणविमरिशवं काउरिसेणंविश्वस्सम रिशवं दएहपिऊमरिश परंखुसीरत्तणेमरिन ६४ सीलेणविमरिच्छ निस्सीलेणविश्वस्समरिशवं टुन्हपिऊम रिशवे वरंखुसीलन्त्रणमरिउ ६५ नाणस्सदसणस्सय संमनस्सयचरितजुन्नस्स जोकाहीउव उगसंसारासीबीमुच्चिहि ही ६६ चिरउसिशयनयारी षष्फोप्रेऊणसे संयकमां शृणुपुछीडविछो गच्छइसिध्धुिशकिलेसो ६७ निकसायस्स तस्स सूरस्सवमाइणो संसारपरिजीशस्स पच्चरकाणंसुहनको ६८ शाउरपच्चरकाणंजोकाही मरणदेसकालंनि राय धनपतिसिंह बहादुर का भागम संग्रा प्राग६। For Private and Personal Use Only

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