Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 66
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir माणसेनाभवत्यत्वमहि पेलोन मेणसी हसणो बायंमिपराजिउरुठो८ २ यह सोनिराणुकंपों ग्गिदाऊ सु विहिपसंत सोतहविसा० ८३ कुरुदनोविकुमारो सिंबलिंग्गिणादठो सोतहविस ८४ झासी चिवलाइमु तो मुइगुलियाहिंचालपिञ्चक सोतहविरक० ८५ छासीगयसुकुमालो अल्लचम्मंवकीलयसएहिं धरणी ठो ते विचाराहिष्यंमरणं ८६ मंखलिणाविष्वरहून सीसीतामु उबग यादठाशेत विकस० ८७ परिजाणईत्रिगुप्तो जावजी बाइ समाहारं संघसमवायप से सागारंगुरुनिउगेणं ८८ हवासमा हिउकरेड एप्पागस्सच्छाहारं तो पाणगंपिपत्या वासिरइमुणी जहाकालं ९९ खामेहस संघं संवेगं से सगाणकुण माणो मणबडजोगेहिंपुरा कयका रियमएवात्र ९० ससद्वेश्य वराहएए एसखमात्रमि तनिसल्लो मापिकुसरिया सविखमंतुमहजीवा १० धीरमुरिसपन्नत सप्पुरिसनिविष्यं परमघोरं धन्नासिलायलमषा साहंती उत्तम ठं ९२ नारयतिरिच्युइए माणुस देवत्रणेवसंत्तेणं जंपलंसुद्ध सुदृदुकं तंत्रप्रणुचिंते णन्नमणो ९३ नरए सुवेन गाणो माउ सायबलान कायनिमित्तंपत्तो छणतखुत्तोब बिहार ९४ देव त्तेमणुष्णन्नो परानिउगत्तणंउ गएणं दुरकपरिकिलेसकरी तखुतोसमहूड ९५ तिरिगतो जीममहावाणी यरया जंमणमरणरहठे छतखुत्रो परिशुमि ९६ सुविहित्य खर्दवकाले कालंतुचा गयगएणं जंमणमरणमणंतं शृणंतखुनो समणुनूउ ११ नित्थिनयं मरणसमं जं For Private and Personal Use Only

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