Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 70
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बहं० पथं० पंथा. नि. निशाणं नेहं काम० कंनुसं० कलहं० जुननिजुतं. संग० संगहं० ववहारं० त्ययविकायं० शुणद० शानागं० शुणानोगं० शुणाइलवरं० विशक्तहिंसं० हासं० पहासं० पउसं० फरुसयं० रूवं० शप्पयसंसं०परनिंदं० परिगरहं० परिग्गह०परिपरिवायं०परदूसण०शारनं० संरंन०पावाणुमोचणं० शहि गरणक०शसमाहिमरणं. कमोदय पञ्चयं इहिगारवं०रसगारगवं० सायागारवं०शवरमणशमुत्तिमरणं काणे ६३ पसुनस्सबापहीबछस्स बाजोमेकोइदयसिउराइ उन्नमि शइक्कमोवेइक्कमो शुइयारो शणायारो तस्समिच्छामि दक १३ एसकारमियामं जिणवरवससहस्सबछमाणस्स ससाणंपिजिणाणं सगणहराणंचससि १४ सपा णारंनं पच्चरकामिात शलियबयणंच सबमदिनादाणं वेजलपरिग्गहंचेत्र १५ समंमेसनासु वेरंमऊनकेगइ था सानुबोसिरमाणं समाहिमणुयालए १६ सच्चाहारविहिं सन्नाउगारवेकसाए य सचेत्रमत्तंच एसिसोखमावेमि १७ ऊजाइमंमिसमए उवक्कमोजीबिशजइमज्जं एशुपच्चरकाणं विउलाशाराहणाहे उ १८ सन्दुरकएहीणाणं सि छाणशहननमो सहेहेजिणपत्नत्तं पच्चरकामिशपागचं १९ नमुत्युधुशपाठाणं सिहाणंचमहेसिणं संथारंपमित्रु च्छामि जहाकेवलिदेसिथं २० जकिाचविदुचरिशं नसबंबोसिरामितिबहेणं साम इथंचतिबिहं करमिसवनिरा गारं२१ बाह्यतिरंदीवहिं सरीराइसनोचणं मयसावयकाएहिं सहनावेणवोसिर २२ रागंबंधपउसंच हरिसंदी For Private and Personal Use Only

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