Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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देविंद सपन २ जाग ॥१५॥
नमिछजतणयचेयाइंनवणाई एएसिंदाहिण सेसाणंउतरेपासे ७९ दसवाससहस्साई ठिईजहन्नाउवंतरसुराणं पलिउबमंतुडकठिई उउक्कोसियातेसिं ८० एसावंतरियाणनवण ठिईवलियासमासेणं पणजोइसालयाणं शवा सबिहंसुरवराणं ८१ चंदासूरातारागणायनरकत्तगहणसम्मन्ना पंचवि० हाजोइसियाठिईयारीयतेगणिया ८२ श छकविठंगसंहाण संठियाफलियामयारम्मा जोइसियाणविमाणा तिरियलोएशसंखिजा ८३ धरणियलाउसमान समाउसत्तहिन उएहिजोयणसएहिं हिछिल्लोहोइतलोसूरोपुण शष्ठहिंसरहिं ८१ शसएशासीएचंदोतहचेब होइ उवरितले एगंदसुतरसयंबाहल्ला जोइसस्सन्नवेए ८५ एगठिनायकाऊणजो शणंतस्सन्नागत्यप्पणं वंदररिमंझलंख लु शफयालाडोइसरस्स ८६ जहिंदेवोजोइंसिया वरतरुणीगीयवाइयरवेणं निच्चंसुहियापमुइयां गयंपिकालनया गंलि ८७ च्छप्पन्लेखलुनागाविच्छिन्नंचंटुमंझलंहोइ अझवीसंवलानबाहलंतस्सबोधलं ८८ शयालीसंन्नागावि च्छिन्नंसरमंफलंहोइ चउवीसकलान्याहलंतस्सबोध, ८९ शहजोणियाउमहातस्सछंचेवहोइनरकत्ता नरकत्तछे वारातस्सहंवेवबाहलं ९० जोशणमठंतत्तोगाउछपंचधणुसयाऊंति गहनरकन्तगणाणंतारविमाणाणविरकन्नो ९१ जोयस्सउविरकंनोसस्सईचेवहोइबाहलं तंतिउणंसविसेसंपरिरउहीडबोधहो ९२ सोलसचेवयसहस्साशठयचउरो यदुलियसहस्सा जोइसियाणविमाणायहंतिदेवाभिउगानं ९३ पुरउवहंतिसीहादाहिणउकुंजरामहाकाया पहित्यि
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