Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 63
________________ Shri Maharan Aradhana Kendra Acharya Shri Kallassagarsul Gyanmand संचार अपईच ५प्राम अयग्गसे उस्कंपिगस्सकरणं एवंताईसिमोना हापंतजस्सहोजोगाजराय विविहायजतिश्यायंका शरुहइ शथारं सुविसुछीतस्ससंथारो ३२ जोगारवेणमनोनित्यड शालोशणुगुसगासे शारुहइ.३३ जोमणपन्तलउक रेइ शालोथर्णगुरुसगासे थारु०३१ जोमणदंमणसुको सिफिलचरितोकरेडसामन्लं शारु०३५ जोपुणदंसणसंछो शायचरिनोकरइसापत्वं शारु० ३६ जोरागदोसरहि उतिगुन्निगुत्तो तिसल्लमयरहिउ शारु०३७ तिहिंगारवे हिरहिन तिकपक्रिमीय गोपहिकिति शारु०३८ चउविहकसायमहणो चउहिबिकहाहिंविरहिउनिच्चं शारु० ३९. पंचमहब्बयकलिउपचसुसमिई सुसुवुशाउनोशारु० १० बकायापफिबिरउ सत्तनयगाण विरहिगमईन श २०४१ अहमपाणजझोकमक विहस्सखवणहे उत्ति शारु० ४२ नवबंजचेरगुप्तो उजाप्तो दसबिहेसमणधम्मो शारु०१३ जुतस्सउन्नममलिय कसायस्सनिन्बया नणकरिसोउलानो संधाणयस्ससमणस्स ११ जुत्तमलिक नणकेरिसंवसुखं संधारगयस्सखमगस्स १५ पढमिल्बुगंमिदिवसे संधारगयस्सजोहवड लानोकोदाणितस्स सक्काश ग्छकागतयणग्धस्स ४६ जोसंखिजाजबिई सज्ञपिखवेइसोनहिं कंमंशाणुसमयं साबुनोतहिंवमए १७ तणंसं धारनिबिलोषि मुणिवरोनहरायपमोटो जंपावहमुन्नसहं कत्रोतचक्कबहीवि ४८ निप्युरिसनादुगंमि बिनसारइ सहस्सवित्यारे जिगमयमिबसालेहे उसहस्सोवगूढमि ४९ जरागदोसमइयं सुरकंजहोइविसयमइयं चणुहवइच रामधनपतिसिंह बाहदुर का भागम संग्रह नाग ५। For Private and Personal Use Only

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