Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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Acharya Shri Kallassagarsun Gyarmander
संचार
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॥९॥ काऊणनमुक्कारं जिणवरबसहस्स वझमाणस्स संथारंमिनिवगुणपहिवाधिनसामेह १ एसकिराराहणया एमकिरमणो रहासुविहीशाणं एसकिरपब्मित पागहणंसुविहिशाणं २ नूईगहणजहनक्कयाण शवमायंश वशास्स मल्लाणंचपागा तहसंथारोसुबिहिशाणं ३ वेरुल्लिउछमणीणं गोसीसंचंदणंवगंधाणं जहवरयणे सुबइ रं तहसंथारीसुविहिशाणं १ सुरिसवरहरीन शरिहाइबसव परिससीहाणं महिलाण नगवइन जिण जणणि जयंमिज हा ५ वंसाणंजिण तो सबकुलाणंचसाययकुलाइ सिधिगईवगईणं सुन्निसुहं सछसुरकाणं ६ धम्माणंचश हिंसा जण वयवयणाग सापडणाई जिण वयणंचमुडणं सुठीगंचजहा ७ कलाण शानद उदवाणं दुल्लहतिजशणं भि बतीसंदेविंदा जंतंक यतिगमणा ८ लहंतुनयंएयं पंमिशमरणंतुजिणवरस्कायं हंतणकम्ममलं सिध्यिागातु मेलछा ९ जाणाणपरमसुरकू नाणाणकेवलं जहानाणं परिनिहाणंचजहा कमेण नणिशंजिणरहिं १० सनम लानाणं सामलंचेवलानसलंति परमुन्नमतित्ययरो परमगइपरमसिहन्ति ११ मूलंतहसंजमोवपरलोग रयाणकिल छकरमाणं संवुनमबहाणं सामनंचवमनंति १२ लेसाणसुक्कलसा नियमाणंचंनवेरबासोश गुझिसमिङगुणाणं मूलं तहसंजमोबान १३ समुनमलिस्याणं तित्यपरययामिशजहातित्यं शनिउच्चसुराणंतहसंथा०.११ सिशकमलस सत्यिशनंद वन वरमलदामाणं तसिपिमंगलाणं संथारामंगलंशहिथं १५ तवयग्गिनियमसूरा जिणयरनाणा
राय धनपाता सहबहादुर का भागम सया भाग ५।
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