Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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धर्मपन्ना २३जस्वचणुनरगंधा. तहेवकबाशणुनरासहा शविन्नपुगलाणं रासाशफासाशगंधाच २४ छफोझियक लिकलुसायफाफियकमलरेणुसंकसी वरकुसुममऊकराइवसुहमयरंनदिघोहंति २५ बरपउपगनगोरा सन्तेएगग ज्यवसही यज्यवसहीविमुक्का सुंदरिमुरकंशणुहवंति २६ तेतीसाए सुंदरि वाससहस्सहिहोइपुणेण शाहागेवहि देवाण शुणुतरविमाणवासीणं २७ सालसहिसहस्सहिं पंचेहिंसएहिंहोडपुलेहिंशाहारोदेवाणं मज्जिममाउंधार ताणं २८ दसवाससहस्साइं जहन्नमाउंधरंतिजदेवा तेसिपियशाहारो चउत्यनलेणबोधल्हो २९ संवबरस्ससुंदरि मासाणंछठपंचमाणंच ऊसासोदेवाणं शणुनरबिमाणवासीणं ३० शठमेहिराई दिहिंशष्ठहियतणुमासहिं उ स्सासोदेवाणंमज्जिममानुधरिताणं ३१ सप्तनंत्योवाण पुन्नाणपुलइंदसरिसमुहे ऊसासोदेवाणं जहलमाउंधरिता णं ३२ जडसागरांवमाइं जस्सठिइतस्सतित्ति एहिंपरकहिंऊसासो देवाणवाससहस्सेशाहारो ३३ शाहारीऊसासो ए सामेचलिउसमासेणं सुमंतरायनाहिं सुंदरिअविरेणकालेण ३१ एएमिदेवाणं उहोरविससीउजोजस्स तंसुद रिवणेहि शहकमंशाणुपुछीए ३५ सोहम्मीसाणापढमं दुच्चंबसणंकुमारमाहिंदा तंचंचवप्नलतग सुक्कसहस्सारयव उत्यं ३६ छाणयपाणयकप्पे देवापासतिपंचमिपुढविं तदेवशारणचुय उहिपत्नाणेणपासंति ३७ च्छिठिहिष्ठिम मज्जिम गेविज्ञासन्तमिचउमरिखा मंजिप्तलोगनातिं वासंतिशणुत्तरोदेवा ३८ संखिजाजोयणा खलुदेवाणश्छ
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