Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

View full book text
Previous | Next

Page 51
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra गण वि० उपन ३ नाग ॥ २३ ॥ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir त्यमणे संकागय रविगयजहियंठिन उष्णाय विरमबद्दरिय सग्गाह क्रूरग्रहठियंतु १६ पाइञ्चत्रिउऊ सेवि लविरा फूठयंजहिंगहणं मज्जे गहो जस्सउ गबडत होडगह जिन्नं १७ सज्जागयंमिकलहो होइ विवानुं विलंबिनरक ते विरे परविजन प्राच्चगएपनि णी १८ जंसंगाहंमिकीरडनरकन्ते तत्यनिग्गहोहोड राजहयंमियमरणं ग हजिन्नेसोणिउग्राले १९ सनागहंगहगयं पाञ्चायंचदुइलरिक संप्नाइंचत्रिमुक्कं गहक्कांचेघबलियाई २० पुत्यो इत्यो निइय च्छस्सिणीत्जरणीता एएसुयरिस्केस पाउवगमण करे २१ सवर्णणधणिठाई पुणनमूनविकारि रकमणं सयत्जिसयपूसथंने विज्ञारंनेपवितिज्ञा २२ मिगसिरापुसो तिन्निधण्ठिापुण्वसू रोहिणीपुस्सो २३ पुत्र सुणापुरसेण सत्रणेणघण्टिया एएहिंचउरिस्केहिं लोयकम्माणिकारए २४ किन्तिहाहिंविसोहाहिं मघाहिन रणीहिय एएहिंचउरिस्केहिं लोयक्रम्माणिवाए २५ तिहिंउत्तराहिंत रोहिणीहिंतुजाउसेह निस्कमणं सेहोवा वर्ण कुजणुन्नागणिवायए २६ गणसंगहणं कुता गणहरंचेवठावर उग्रहंवसहिठाणंच थावराणिपवतए २७ पुरुसोत्यो जिई सिणायत हेवय चत्तारिरिकप्पकारीणि कज्जारंजेसुसोहणो २८ विज्ञाणंधारणंकुता बंज जागेयसाहए सष्ट्नायंचञ्प्रणुन्नंच उद्देसेयसमुद्दिसे ३० अणुराही रेवचेव चित्रामिगसिरंसहा मिऊनियाणिचारि |मिकम्मत कारण ३१ अणुराहारेवइचेव चित्रा मिगसिरंतहा मिळनेयाणिचज्ञारि मिउकम्मं ते सुकारए ३२ जि For Private and Personal Use Only राय धनपतिसिंह का आगम संग्रह प्राग ३ ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154