Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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ए हिवसेठावितित्तिजोसियान पुरीसेनाणाबिहे हिलावहिविणितित्तिवणिशान काइएमलनावंकाइयणयं सवि नमंकाइसमासासिवंसासिहंसासिवहरंति कासत्तबरोरोडवकाईणयएसुयणमंति काइएवणए सुउवमंतिकोईकोउ यनमंति काउमुकास्कमिरिकएहिंसवि लासमुजरेहिंउवहसिएहिंउबगूहिएहिं उवसदेहिगुरुगदरिसहिंच नलि लिहणविलहणेहिंच शारुहणनणेहिंशयालयउवगृहणेहिंच थंगुलिफोफणघणपालणकहिताजायणाहिंतणाहिं तजणाहिंच छवियाइंताउपागावव सिउंजेपुंकुकुवखुपिउं जेमचुवमरिउजे थंगणिकहिउंजे शसिस्त्यिजिउं. जेशसिमसिसारित्याणं कंतारकवाधारयसमाणं घोरनिउरंबकंदरचलं तवीनत्यनावाणं१ दोसयसम्गरीणंशजस सउविसप्पमाणहिययाणं कड़वपत्तन्नणंत्ताणं शन्नायसीलाणं २ शरयतिशन्नरमति शन्लंघ्नदितिउल्लावं शलो दकंतरिउ शुन्नोपयकंतरेठबिउं ३ गंगाएवालयसायरेजलं हिमबउयपरिमाणं उग्गस्सतवस्सगइउंगलप्पतिंचवि लयाए १ सीवेकुंवयारस्सपुहलंकुकुयाइयंशस्से जाणतियुठिमंतामहिलाहिययनपालंति ५ परिसगुणजन्नाणंता णंजइयवसंठिगमणाणं नऊनेवीससियछमहिलाणंजीवलोगमि ६ निठनयंचखलयंपुष्कहिंविधष्ठियंचशारामं नि दुठियंचधणुलोइचयतिल्लियंप ७ जेणंतरेणनिमिसंतिलोयातकणंचविगति तेणंतरेणहिययंपिनिरत्ययंहोई ८ किपुनेहिपियाइयश्चात्यणव पक्रिएणंजोमरणदेसकालेनहोइथालंबणकिवि ९ पुन्नात्रयंतिमिनावयंति नजामि
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