Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

View full book text
Previous | Next

Page 28
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsur Gyanmandir ए हिवसेठावितित्तिजोसियान पुरीसेनाणाबिहे हिलावहिविणितित्तिवणिशान काइएमलनावंकाइयणयं सवि नमंकाइसमासासिवंसासिहंसासिवहरंति कासत्तबरोरोडवकाईणयएसुयणमंति काइएवणए सुउवमंतिकोईकोउ यनमंति काउमुकास्कमिरिकएहिंसवि लासमुजरेहिंउवहसिएहिंउबगूहिएहिं उवसदेहिगुरुगदरिसहिंच नलि लिहणविलहणेहिंच शारुहणनणेहिंशयालयउवगृहणेहिंच थंगुलिफोफणघणपालणकहिताजायणाहिंतणाहिं तजणाहिंच छवियाइंताउपागावव सिउंजेपुंकुकुवखुपिउं जेमचुवमरिउजे थंगणिकहिउंजे शसिस्त्यिजिउं. जेशसिमसिसारित्याणं कंतारकवाधारयसमाणं घोरनिउरंबकंदरचलं तवीनत्यनावाणं१ दोसयसम्गरीणंशजस सउविसप्पमाणहिययाणं कड़वपत्तन्नणंत्ताणं शन्नायसीलाणं २ शरयतिशन्नरमति शन्लंघ्नदितिउल्लावं शलो दकंतरिउ शुन्नोपयकंतरेठबिउं ३ गंगाएवालयसायरेजलं हिमबउयपरिमाणं उग्गस्सतवस्सगइउंगलप्पतिंचवि लयाए १ सीवेकुंवयारस्सपुहलंकुकुयाइयंशस्से जाणतियुठिमंतामहिलाहिययनपालंति ५ परिसगुणजन्नाणंता णंजइयवसंठिगमणाणं नऊनेवीससियछमहिलाणंजीवलोगमि ६ निठनयंचखलयंपुष्कहिंविधष्ठियंचशारामं नि दुठियंचधणुलोइचयतिल्लियंप ७ जेणंतरेणनिमिसंतिलोयातकणंचविगति तेणंतरेणहिययंपिनिरत्ययंहोई ८ किपुनेहिपियाइयश्चात्यणव पक्रिएणंजोमरणदेसकालेनहोइथालंबणकिवि ९ पुन्नात्रयंतिमिनावयंति नजामि For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154