Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 30
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir ॥एर्दा शमरनरवदिएवंदिऊणउसन्नाइजिणवरिदे वीरवरशपित्यमंते तेलक्कमुरुयणमिऊणं, कोइमढमपउस मि सावउसमयनित्ययविहण वन्लेइथयसुयारं जिणमाणोवछमाणमि २ तस्सधुणंतस्सजिणं सोइयकापिसुहनि सला पंजलिउमानिमुही सुणइथयंबछमाणस्स ३ इदविलयाहितिलयरपणं किएलरकणकिएसिरसा पाएश्वगय माणस्स वंदिमोवछमाणस्स १ घिणयपणएहिसि ढिलमउहिंशपक्रियजसस्सदेवेहिं पायाएसंतरोतस्सवंदिमोबस माणस्स ५ वतीसंदेविंदाजस्सगुणेहिंउ वहम्मियात्यायं नोतस्सवियत्येयं पायबायंउबेहामो ६ बतीसंदेबिंदत्ति नणियमित्तंनिसापियंत्रणइ शंतरजासताहेकोहेमोकोउहल्लेणं ७ कयरतेयतीसंदेविंदाकोयत्यपरिवसइ केवइयाक स्सठिई कोनवणपरिग्गहातस्स ८ केवडयाचविमाणानवणानगराबजतिकेवडया पुढवीणवबाऊलं उच्चन्लविमाण वल्लोवा ९ कारंतिवकालेणा उक्कोसंमनिमजहणं उस्सासोनिस्सासो उहीविसउवकोकेसि १० विणउवियारवहं मियाइहासबसमुच्चहंतीए पनिपुत्थिएपियाएनणइसुशणुत्तनिसामेह ११ सुशणाणसागरासुणिनपमिपुबणाइंज लंहं पुणवागरणावलिशं नमोथलियाइंदाणं.२ सुणवागरणावलिथं रयणंवपणामियंचवीरेहिं तारावलिबधवलं हियएणपसन्नचिनेणं १३ रयणप्पन्नाइकुनिकु वासीसुष्ठणुत्तेउलेसम्ग वीसविकसियनयणा नवणवइवेनिसामेह १४ दोनवणवइइदा चमरेवइरोधणेशसुराणं दोनामकुमारिंदा तयाणंदेधरणेय १५ दोमुयणुसुवणिंदा वेणू देवेयवे For Private and Personal Use Only

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