Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
णणनागेसुनयराणं ३१ जोधणसहस्समेगं उग्गहितणन्नवणनगराइं रयणप्पनाइस डकारसजोशणसहस्से ३२ शंतोचउरंसाखलु शहिमाणोरहसहावरमणिजा वाहिरनवियहा निम्मलवइरामयसवे३३ उक्किलंतरफलिहाशय तरननवणवासीणं नवणनरोविरायति कणगसुसिलिष्ठयागारा ३१ वरपउमकणिया मंठियाहिंहिष्ठासहावलठेहिं सो हिएइठाणाइंहिं विवहमणिन्नत्तिवित्तेहिं ३५ वंदणंपयठिएहिय शासनोसन्तमालदामेहिं दारोहपुरावरा पागमाला उरारम्मो ३५ ठेवजोयणाई उचिठाऊंतितंदुवारवरा धूमघमियाउलाइ कंचणिदामोवणिछाणि ३७ जेहिदेवान वईवरतरुणीगीयवाइयरवेणं निच्चमुहियापमुइयागयंपिकालनयाणंति ३८ चमरेधरणेतहवेणु देवापुणेयहोइजलक ते शमियगइवेलंबेधीसेशशीशग्गीसिहे ३९ कणगमणिरयणधूनियरम्माइवेड्याइनवणाइ एएसिदाहिणनसे साणंदाहिणेपासे४० चउन्तीसाशयालाशठत्तीसंच यसहस्साइं वलापन्नासारकलुदाहिणउहितिनवणाई ४ तासाच तालीसाचउन्नीसंयेवसयसहस्साई बतीसाबायाली उत्तरउऊंतिनवणाई ४२ नवणवइविमाणबईणंतायलासायाला मपालायसन्सतिन्त्रिपरि सासमाणचउगुणाशायरस्कान ४३ चउसष्ठीसाठीखलुच्छच्चसहस्सात्तहेवचन्तारिनवणवई वाणमंतरजोइसियाणंचसामाणे १४ पंचगामहिसी उचमरवलीणहवंतिनायबा सेसयनणिदाणंच्छच्चेवयशग्गमहीसी १५ दोचेवबुद्दीवेचनारियमाणुमुत्तरेसोल च्चारणसमुद्देश्यव्ययरुणमिदीबंमि १६ जनामएसमुद्देदीवेवाज
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154