Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 23
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir ॥ तंदुल॥ अयाली १नाग णसयंसरीरंपइयमंसतसक्कहठणं परिसंहवियंसोहइ शक्कायणगंधमल्लेणं इमंचेवयसरीरसीसघकी मेयममंसठिय सबलंग सीणीशवालुंझयवम्मा कोसनासियसिंघाणोयधीम लालयंशमणुणगंसीस घशीनंजियंगलंतनयणकणोठ गावालयंशवालुयाखिल्ल चिक्कणविलियंदंतमलमडलबी नस्यदरिसणिधनवाजलगयंगुलाथे गुप्ठगनहसंधि संघायसंधियमणं बजरसिशगारं नालखंधत्यिराशणेगारुबऊधमणिसंधि ब¢पागाउदरकयालं करकनिकुठं करकगकलिअंदरतं शठिधमणिसंताणसंतयं सबउसमंतापपरिसयंतंच रोमकूवेहिंसयंशसुइंसन्नावउ परमदुगंधि कीलिजयशंतपिन्त जरहिययगोफसाफुफसपिलिहोदर गुठकुणिमनवबिदुधिविधिविधि वंतहिययदुरहिपिन्तर्सि भमुतो सहाययणंसबछसहायणं सबउदुरंत्रगुप्नोरुजाणुजंघा पायसंधियशसुइकुणिमगधि एवं चिंतिजमाणं बीनस्य दरिसणिज्जं शधुवंशनिय यशसासयं सफणफणविष्ठंसणधम्म पत्यावपुराश्वस्सवइयचंनि उसुछुजाणइएवशड निहणं परि संसहमणुयाणदेहं एसयरमत्य उसत्यावो सुक्तमिसोणियमित उजण णिकुत्यिमनमितंचेशमिनर संनव मासंघठिसतो १ जोणीमुहनिप्पिफिनघणगबिरेणवाहिउजान पगशमिनमइन कहदेहाधोइसक्को २ हायस इसमुप्पत्नयानिगाया यतेणवेवदारणं सत्यमोहपसन्तयारमंतितात्येवशमुडदारंमि ३ किहताययरकुकीरीकइसह स्से हिंशपरितंतेहिं बलिदाइयमुइबिलंजघणंतिसककमूढहिं १ रागेणनजाणतेतवरायाकलमलस्सनिष्ठमणं तो For Private and Personal Use Only

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