Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 21
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatih.org Acharya Shri Kallassagarsun Gyanmandir सयाली ॥८॥ इं २६ एयंखुजरामरणंपरिखिबह वग्गरावमयह नयणंपित्यहएतंसंमूढामोहजालेणं २७ शाठसोसोमंपिडम सरीरदूठं पियंकतंमणुणमणाममणजिरामं धिवसासियंसमयंबऊमयं शुणुमयंत्नाकरमगसमाणं रयणकरंउवि मुमा गाबियंत्रलापविव सुसपरिवतिल्लायिनमुसंगोवियं माणं उदनं माणसीयं माणंखुहा माणपियासा मा । वारा माणबाला माणदंसा मागमसगा मागंवाइयपिनियसिंनियसंनिवाडय विविहारागायंकाफ़संतिनिकह एवंपियाधुबंशनिय यंशसासयंचउ वसइयंविष्यणासधम्मंपत्याबपुरावधस्सविपचय छपयस्सचियाइ छाउ सो शुणुपुबेणं अठारसांपठकरंगसंधीउ बारसपांमुलिकरंगत्यप्प सुलिएकाविहलियाकुत्या वऊरंगुलीशा गबाच उपलिया जिनादुपलियाणियिणि चउकबालंसी रंबन्नीसदंता संगुलियाजीहाशह पलियंहययंए रणवीसपलाई कालिच्छदाच्यतापंचवामा पल सा तंजहा बामे गसेदाहिणणामय तत्य गंजे सयामेपा सेसुहपरिणाम सत्यणंजेस तणुयंतत्तेण पासवणेपरिणमह दोणमापंचवामा पलमा त जहावामेणसेदोहिणेपासेय तत्यणंजेसवारोध्या सेसुह परिणामेतत्यपंजसे दाहिणेपासेहपरिणामे शाउसोइमेसरीरएसठिसं सचिसयंसतुतरमंससयं तिनियहि दामसयाई नवज्ञारुयसयाई सन्तसिरासयाइं पंचायसीसथाइनवधमणीउ नवन उइचरीमकवसयसहस्सइं विणाके सममुगा सहकेसमंसुणाथाछाउ रोमकूवकोकी उशाउसोइमंमिसरीरएसठि सिरासयंनानियनवाणंउहगामि जी For Private and Personal Use Only

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