Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ॥ तंदुल ॥ वयाली १ नाग ॥ ४७ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इविकणं खेलंखासइथरकणेखणो ८ संकुड़ावली वम्मो संपतोष्ठमिंदसं नारींचा णिष्ठीयजरापयरिणामिड ९ नवी मुम्ही नामजनारादसमस्सिन जराघरेविणस्सते जीबोव सइ कामन १० हीणजिन्नमा रोबीणो विवरीउविचि ad दुछिलोदुखिउसुयइसंपनोदसमीदसं ११ दसगरुसउचरकुचोवीसइंबरिसाफ़डविज्जं जोगबती सगं साथवन्ता लीसत्मबलमेव १२ विन्नाणं पन्नास यचरकुंडायइ सहित हब्बाऊबलं जोगाय सप्तरिष्यसीवविन्नाणं १३ नउपनमी इसरीरंबास सएजी विष्श्वयइ कित्तिउत्यसुहोजागो दुहोजागोयाकित्तिन १४ जीवाससयंजीवइसुहीनोगेय मुंजइ तम्मा विसेविनधम्मीयजिणदेखि १५ किपुणस्यच्चत्राए जोनरोनिञ्चदुरिकन सुठुयरंतणका यो धम्मोयजिण देखिन १६ नंदमाणेचरे धवलम्मंवरमेलठतरंजाव णंद माणोविवरे मासेपावतरंजवे १७ नविजाइकुलंवाविविज्ञा वात्रिसिरिया तारेडनरंवनारिंवा सर्वपुरमहिवहड १८ पुन्नेहिंहा यमाणेहिंपुरी सगारोबिहायड पुन्नहिमाणे हिं पुरीसगाव १९ पुत्ताइंखलु च्याउ सो किल्ला इंकरणिजाई पीइंकराइवन्नकराई जमकराई कित्तिकराई नोयखलु छाउसो एवं चिंतेयए संतिखलुबऊबेसमया छावलियाखणाणा पाणूघोवालामुऊत्ता दिवसाय होरत्ताए का मासारिकयणा संबच्छराजगायाससयावास सहस्सा वाससय सहस्सा दासाकोप्रीन वासकोठाकोमीन जत्यणं म्हब इसीलाई वयाइंगुणई वेरमणाई पञ्चकाणाई पोसहोबवासाइं पवितिस्सामो एठविस्सा मोकरिस्सा तौ For Private and Personal Use Only

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