Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
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Acharya She alssagarsu Gyarmandie
र पन्तकंखिए
॥तंदुल। वयाली
नए ततिबनवणं
१भाग
गोर
मुरककामए धमाकंखिए पुनकंखिए सम्गकंखिए मुस्ककंखिए धमपिवासिए पुसपियासिए सग्गपिवासिए मुरक पिवासिय तच्चित्तेतम्मणे नल्लेसे तदनवसिए तन्तिवनवसाणे तदप्पयकरणेताषाहावउल्लेतनावणानावए एवं सेणं शंतरंसिकालंकरिजा देवलोगएसु उयवडिझज्जा से एएणं थठेणं गोयमा ! एवं वुच्चड शत्येगहए उयवजिज्जा जीवेणं नंते ! गनगएसामाणे उताणएवा पासिल्लएवा थंघुखजाएवा शत्यिजावा विष्ठिजाबा निसीइवा तय हिजवा शासहजावा सहजावा माऊए मुयमाणीए मुयजागरमाणीए जागरड मुहिशाए सुहिउन्नवह दुहिशाए दुरिकउन्नवड हंता? गोयमा ! जीवेणं गनगएसमाणे उन्लाणएवा जाव दुस्किशाएदुरिक उन्नवह विरजायंपि दुकेह सम्मसारस्कईतउजणणी संवाहईतुयारकइ शपंचगप्नंच शणुसुयहमुयंत्तीए जागरमाणीए जागरइता सहियाए होइयनंदुहिमुहिए दुस्किउहोइ २ उच्चारेणसवणेखेलसिंघाणउविसेनस्यि शठहीमिंजनहाकेसमंसुरोमेसुप रिणामो ३ एवं बुदिमइगन गलसंबसइदुरिकउजीवो परमतमसधयारे श्रमिननरिएपएसंमि १ थाउसोतउनव मेमासेतीएवापपुष्पन्लेवा शणागएबाचनमायाशतयरंपयायइतं ५ इस्थिवाइत्यिरूवेणं पुरिसंवापुरीसवेणं नपुं सगंवानपुंसगतवणं विवाबिंधतवणं थप्पमुक्कंबरूंशयं इस्यितत्यजायइ थप्पंधउयंबऊंसुकंपरिसीत्तवजायइ दुनपिरतमुक्काणंतुवनावनपुंसन इत्याठयसमात्तगेबिंबतत्यजायइ थहणंपसवणकालसमयंसि सीसेणवापाएहिंबा
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