Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press

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Page 9
________________ Shri Maharan Aradhana Kendra Acharya Shri Kallassagarsu Gyarmande ॥तंदल। वयाली १ जाग ॥२॥ शाहारं शाहारिनए गोयमा! नोइणले समठे सेकेणठणं नंते! एवं वुच्चइ जीवेणं गनगएसमाणे नोपमुहेणं कावलियं याहारं शाहारितए गोयमा ! जीवेणं गनगएसमाणे सवन्शाहारेइ सवपरिणामेइ सवजससइ सवनी ससइ निरकणंशाहारेइ शनिरकणंपरिणामेइ शनि ऊससइ शनि०नीससइ शाहचशाहारेइ शाहच्चपरिणा मेड शाहच्चऊससइशाहच्चनीससइ माऊरजीवरसहरणी पुत्रजीवरसहरणी माउजीवपढिबछा पुलजीव फुफा तम्हा शाहारेइ तम्हापरिणामेइ शवराविशणं पुन्तजीवपबिछा माउजीवफुफा तम्हाविणाइ तम्हाउविचिणाई से एएणं अठणं गोयमा ! एवं वुच्चड जीवेणं गनगएसमाणे नोपतमुहेणं काबलियं शाहारं शाहारितए जीवेणं गप्नगए समाणेकिमाहारं शाहारेइ गो०! जंसेमायानाणाविहाउरसविगइ उतितकमुशकसायंबिलमऊराइंदवाइंशाहारेइ तउएगदेसेणं उशमाहारेइ तस्सफलबिटंसरसाउप्पलनालोदमानवइ नानीरसहरणीए जणणीपसयाइ नानिएप डिबछानानीएतीन गनन्थ्यंशाईय इश्यंतीएउय एनीपगनोविबहइ जाबजाउन्नि कइणं नंते ! माउभंगा पन्नता? गोयमा ! तउमाउछंगा पसता तंजहा मंससोणिए मबुलंगे कइणं नंते ! पिउभंगा पन्लत्ता? गो यमा ! तउपिउशंगा पणता ? तंजहा शठिशठिमिंजा केसमंसुरोमनहा जीवेणं नंते ! गलसगएसमाणेनरएसु उवजिज्जा गोयमा ! शत्येगईए उत्रजिज्का शत्येगईए नो उबजिज्जा सेकेणठणं नंते ! एवं बुच्चइ जीवेणं For Private and Personal Use Only

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