Book Title: Dashpayanna Mul Sutra
Author(s): Jain Prabhakar Press
Publisher: Jain Prabhakar Press
View full book text
________________
Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वयाली जाग
बविहे संठाणे संजहा समचउरमे १ निग्गोहमंफले २ सादि ३ खक वामणे ५ऊ६ संपडखलु शाउसोमण याणं जसंठाणे बहह संघयणसंठाणञ्च उन छाउयंचमणुयाणं अणुममध परिहायइ उसपिणिकालदासणं १ को मायलोलाउ सलवहएयमणुयाणं कूमतुलकूनमाणतणणु माणसचंति २ विसमाशजतुलानविसमाणियजणव एसुमाणागि विसमरोमकुलाइतेणउबिसमाइबासाइ ३ विसमेसुयवासेसुंऊति शसाराइउसहिबलाइ उसहिदुबाले णथशाउपरिहायडनराणः ४ एवंपरिहायमाणेलोपवं दुच्चकालपरकंमि जेधम्मियामणसासूजीबियंजीवियंतास ५ शाउसासेजहानाम एकेडपुरीसेनाए कयबलिकम्मे कयकोउयमंगलपायबित्तेसिरसिजाए कंठेसालको शापिछ मणिसुवणे शहिशसुमहयघवत्यपरिहिए चंदाकिणगायसरीरे सरससुरहिगंधगोसीसचंदणाणुलित्तगते सुइमाला वलगविलेवणा कपियहारछहार तिसरययालंबपलंघमाणकमिमुन्नयसुकथसोहे पिणछागविलचंगुलिजागल लियं गयललियकशातरण नाणामगिकणगरयणकणगतुझियधनिया हिशतवेसस्सिरी ए कुंकलुजावियाणाण मउ फदिप्तमरए टारुत्ययसुकय रुइयवत्ये पात्वयपलं बमाणमुकयापकिउन्नरिजो मुद्दियापिगलगुलीए याणामणिकणग रयण विमलमहरिहनि उगोविय मिसिमिसितविरइय सुसिलठलठ शाविहबीखलए किंबणाकप्यरुरक एवेवश्छल कियविनूसिए सुइपयफ्नविला यम्मापियारो थनिबादइजा तएणं तं पुरिस छम्मापियरो एवं वहा जीव
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154