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५२१
२३८
५२३
५२४
५२६
२४०
२४०
अनुक्रमणिका
[ २७ ]
मूल प० टीका १० वेणीदास का वर्णन (माखू के शिष्य) बूसर सुन्दरदास के शिष्य
५२२
२३६ दयालदास, श्यामदास, दामोदरदास, निरमल,
निराइनदास । नारांइनदास (सुन्दर के शिष्य)
२३६ बालकराम
२३६ चतुरदास, भीखदास
५२५
२४० दासजी नाती नृसिंहदास अमर
५२७ हरिदासजी
५२८
२४० (हापोजी, प्रहलादजी के शिष्य राघोदास के गुरु)
२४० प्रहलादजो के शिष्यों का वर्णन
२४० (राघोदास के बाबा व काका गुरु) हापाजी के शिष्य
५३०-५३१
२४१ (राघोजी के गुरु भ्राताओं का वर्णन) भक्तवत्सल को उदाहरण
५३२-५३८
२४१-२४३ (भगवान को भक्तवत्सलता भक्तों पर) उपसंहार
५३६-५५५
२४३-२४६ टीका का उपसंहार
६३१-६३६ २४६-२४८ प्रति लेखन पुष्टिकरण
२४८ परिशिष्ट नं० १ (परिवद्धित संस्करण का अतिरिक्त पाठ)
२४६-२७४ परिशिष्ट नं० २ (दादूपन्थी सम्प्रदाय की प्राचीन व संक्षिप्त भक्तमाल) २७५-२७९
___ दादूजी शिष्य जगाजी रचित, पद्य ६६ परिशिष्ट नं. ३ (चैनजी रचित भक्तमाल; पद्य ६१)
२८०-२८६
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