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अनुभव का उत्पल
ऊपर भी देखो
मैं जितना नीचे देखता हूं, अपने-आप में उतना ही विशाल लगता हूं। जब थोड़ा ऊपर देखता हूं तो मेरी विशालता इस असीम गगन में विलीन हो जाती है।
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