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- अनुभव का उत्पल -
ज्योति
विरोध ज्योति से पूर्व होने वाला धुआं है। वह क्षण-भर के लिए भले ही लोगों की आँखों को धूमिल बना दे, पर अन्त में ज्योति जगमगा उठती है।
वे व्यक्ति धुएं से कभी निराश नहीं होते, जिन्हें ज्योति की आशा है।
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