________________
N
( अनुभव का उत्पल
मर्यादा का बोध
मर्यादा का बोध वही दे सकता है, जो अपनी मर्यादा को समझता है।
मैं विशाल जलराशि के तट से सटकर खड़ा था, पर मेरे मन में कोई कम्पन नहीं था। यदि वह नदी का तट होता तो मैं कांप उठता, क्योंकि उसकी मर्यादा विश्वसनीय नहीं है।
भय का अर्थ है- मर्यादा का अतिक्रमण
(१४३
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org