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अनुभव का उत्पल
श्रद्धा का चमत्कार
श्रद्धालु श्रद्धा करना जानता है, पर वह कैसे टिके, यह नहीं जानता। यह श्रद्धेय को जानना होता है कि वह कैसे टिके ? यह श्रद्धा का ही चमत्कार है कि एक आदेश देता है और लाखों उसे मानते हैं।
आस्था अपने हृदय का पुण्य देवता है । उसमें देवों की शक्ति अर्जित है। जो उसकी आराधना कर पाता है वह सब कुछ कर पाता है।
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श्रद्धालु के लिए श्रद्धा सुधा होती है और श्रद्धेय के लिए विष । श्रद्धेय वही होता है, जो विष को पचा सके।
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