________________
氣
अनुभव का उत्पल
यह कैसा स्वाद ?
मेरे या मेरे प्रिय व्यक्ति के बारे में कोई शिकायत करे, वह मुझे प्रिय नहीं लगता। दूसरों की शिकायत में मुझे स्वयं रुचि है, पता नहीं, यह कैसा स्वाद है ?
प्रत्येक प्रवृत्ति बहुत ही चिन्तनपूर्वक होनी चाहिए । तात्कालिक प्रवृत्ति में आवेश होता है, इसलिए उसका परिणाम प्रायः इष्ट नहीं होता ।
Jain Education International
६४
For Private & Personal Use Only
VAPRICUM SULAWIEN
www.jainelibrary.org