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— अनुभव का उत्पल
अनुभव का उत्पल )
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अद्वैत
अभेद एकता नहीं, समता है। समता का ही दूसरा रूप है- एकता। इसका फलित होता है कि द्वैत में समता की भावना ही अद्वैत की परिभाषा है।
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