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अनुभव का उत्पल
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अनुभव का उत्पल )
रोटी और पुरुषार्थ
आचरण के लिए रोटी को ठुकराने में पुरुषार्थ है। रोटी के लिए आचार को ठुकराने में पुरुषार्थ नहीं, उसका अभाव है।
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-(११८)
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