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— अनुभव का उत्पल)
अनभव का उत्पल
उतार-चढ़ाव
उतार-चढ़ाव किसने नहीं देखे। अन्तर है अनुभूति
चढ़ाव की अनुभूति गर्वपूर्ण होती है। उतार की अनुभूति में वापसी का भाव होता है। चढ़ाव में फिर भी सन्तुलन रहता है, उतार में उसे रखना कठिन होता है।
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