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अनुभव का उत्पल
अभिव्यक्ति
विफलता से शून्य सफलता है भी कहां ? विद्युत् की पूर्ण अभिव्यक्ति में बल्ब सफल नहीं होता पर प्रकाश की व्यंजना में जो क्षमता उसे प्राप्त है, वह उसकी विफलता नहीं है । यदि कवि नहीं होता तो विद्युत् शक्ति ही रहती, प्रकाश-रूप में अभिव्यक्ति नहीं कर पाती । शक्ति का स्वयं में मूल्य है। व्यवहार जगत् में मूल्य अभिव्यक्ति का ही है।
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