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अनुभव का उत्पल
चाह और राह
मनुष्य में परिणाम के प्रति जो अभिलाषा होती है, वह कारण के प्रति नहीं होती। वह स्वर्ग चाहता है, स्वर्ग की साधना नहीं चाहता ।
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