________________
उन्मुखता किधर
विमुखता से दूरी बढ़ती है और उन्मुखता से सामीप्य होता है। कलकत्ता से हम चले और घुसड़ी आये । कलकत्ता चार मील दूर था और दिल्ली आठ सौ इक्यासी मील | किन्तु हम दिल्ली के उन्मुख थे और कलकत्ता की ओर पीठ किये हुए चल रहे थे। हमने देखा, एक दिन दिल्ली चार मील दूर है और कलकत्ता आठ सौ इक्यासी मील ।
氣
अनुभव का उत्पल
Jain Education International
८६
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org