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— अनुभव का उत्पल)
अनुभव का उत्पल
सुन्दर बनूं
वह क्या है, जो मैं नहीं कर सकता। सब कुछ कर सकता हूं। पर करता उतना ही हूं जितना कि प्रकाश मिलता है।
वह क्या है, जो मैं कर सकता हूं पर नहीं कर रहा हूं।
___ मैं भली भांति जानता हूं कि यह अच्छा है, यह बुरा। हित और अहित का विवेक मुझे मिला है। मेरे आचार्य ने दो अक्षर का बोध देने का मुझ पर अनुग्रह भी किया है, पर शेष है अभी सुन्दर बनना।
___ मैं सुन्दर नहीं हूं, इसका मुझे गौरव है। वह इसलिए है कि मेरे लिए बहुत जाल नहीं बिछाए जाते। शरीर का सौन्दर्य असत्य है। मेरा संकल्प है- सत्य बनूं, शिव बनूं। ऐसा नहीं बनता हूं, तब तक सब कुछ नहीं दे सकता। मैं सुन्दर बनकर ही कुछ दे सकता हूं। किया न किया सब समान है- जब तक मैं सुन्दर न बनूं। शेष यही है- मैं सुन्दर बनूं।
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