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— अनुभव का उत्पन)
अनुभव का उत्पल
अध्यात्म
आकांक्षा का अभाव अध्यात्म है। विकार का अभाव अध्यात्म है। चारित्रिक-कर्मण्यता अध्यात्म है।
अकर्मण्यता अलसता नहीं किन्तु निवृत्ति है अध्यात्म।
अध्यात्म का चरम या परम रूप है- अकर्मण्यता यानि दूसरे पदार्थ के सहयोग का अस्वीकार। सर्वथा आत्म-निर्भरता, यह मुक्त-स्थिति है। जीवन काल में कर्मण्यता में अकर्मण्यता का जो अंश है, वह अध्यात्म है अथवा कर्मण्यता में असत् कर्मण्यता का जो अभाव है, वह अध्यात्म है।
अध्यात्मवाद से आकांक्षा की तृप्ति नहीं, उसका अभाव हो सकता है। .
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