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अनुभव का उत्पल
नियन्त्रण
आय और व्यय अर्थ के सहज रूप हैं। आय के अनुपात से व्यय करने में अधिक खतरा नहीं । व्यय के अनुपात से आय बढ़ाने की बात में गंभीर खतरा है। आय के साधनों को दोषपूर्ण किए बिना व्यय बढ़ाने की बात संभव नहीं होती। अनैतिकता से वही बच सकता है, जो आय के स्रोतों पर नियन्त्रण करने के साथ-साथ व्यय पर भी नियन्त्रण रखे।
अधिक खाना, अधिक मात्रा में खाना, अधिक वस्तुएं खाना आवश्यकता की पूर्ति नहीं, भोग-वृत्ति का उग्र भाव है।
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